इस म्यूजियम में मौजूद अधिकांश प्रतिमाएं उन कलाकारों की हैं जो अतीत में भारतीय सिनेमा के प्राण होते थे लेकिन अब दुनियां से रुख्सत हो चुके हैं। उन्हीं की यादों को सहेजने के लिए बना है आरके मेमोरियल। भारतीय सिनेमा के प्रख्यात अभिनेताओं, अभिनेत्रियों, हास्य कलाकारों, विलेन और महान गायकों की इस यादगार महफिल में आकर आप यकीनन भारतीय सिनेमा के इस स्वर्णिम युग और उसकी स्वर्णिम यात्रा पर गर्व करेंगे।
आरके मेमोरियल में शो मैन राजकपूर अपने विभिन्न अंदाजों और अपने अभिनय से जीवंत से कर देने वाले किरदारों में दिखाई देते है। यहां वे अपने पिता श्री पृथ्वीराज कपूर के साथ दिखाई देते हैं तो शशिकपूर, शम्मीकपूर, रणधीर कपूर और ऋषि कपूर के साथ भी नजर आते हैं। वे यहां मेरा नाम जोकर जैसी अमर फिल्म में जोकर की भूमिका में नजर आते हैं तो वहीं मासूम से राजू की भूमिका में भी वे दिखाई देते हैं। इसके अलावा इस म्यूजियम में नर्गिस, नूतन, बैजयंतीमाला, माला सिन्हा सहित अनेक अभिनेत्रियों के अभिनय की जीवंत सी लगने वाली प्रतिमाएं मौजूद हैं। इस म्यूजियम में शोले के गब्बरसिंह यानी अमजद खान दिखाई देते हैं तो पुरानी फिल्मों के मशहूर विलेन प्रेमनाथ और प्रेम चौपड़ा भी यहां मौजूद हैं। मदर इंडिया में नर्गिस का यादगार अभिनय भी यहां नजर आता है।इस म्यूजियम में एक गैलरी पूरी तरह भारतीय सिनेमा के प्रख्यात गायकों को समर्पित है, इसके केंद्र में मौजूद हैं स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर और आसपास हैं मोहम्मद रफी, मुकेश, मन्नाडे, महेंद्र कपूर आदि गायक कलाकार। परिसर में ही अनेकानेक दृश्य भारतीय सिनेमा की सुपरहिट फिल्मो की मूल कथा के साथ ही इन कलाकारों के जीवंत अभिनय को साकार करती प्रतिमाओं के जरिए यहां आने वाले दर्शकों को फिर उस युग में लौटा देती हैं, जैसे राजकपूर कह रहे हों...आ... अब...लौट चलें....।
इस गैलरी को देखते हुए पाŸव में सुनाई देते पुराने गीतों की आवाज पूरे आरके मेमोरियल में प्राण फूंकने समान प्रतीत होती है। दरअसल राजबाग पुणे में बना यह आरके मेमोरियल और यहां इन कलाकारों की अदाकारी का यह रूप ही राजकपूर और उस दौर के इन नामी कलाकारों को सच्ची श्रद्धांजलि है।
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