क्या शिवराज बनेंगे भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष...

मप्र में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्र सरकार के मंत्री हैं। चुनाव प्रचार में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इन्हें जिताओ मैं इन्हें केंद्र में बड़ा ओहदा दूंगा। शिवराज रिकॉर्ड मतों से जीते और मोदी जी ने अपना वचन भी निभाया। लेकिन शिवराज सिंह को जानने वाले लोग अच्छी तरह जानते हैं कि जमीन और लोगों से जुड़ने की शैली शिवराज सिंह जी को किसी पद या बंधन में नहीं बांध सकती। वे मुख्यमंत्री रहते हुए जितने लोकप्रिय मप्र में थे उतने ही लोकप्रिय अब भारत सरकार के मंत्री रहते हुए भारत के विभिन्न राज्यों में होते जा रहे हैं। ट्रेन में सफर, बाजार में खरीदी, शिकारे में चाय की चुस्कियां, बुजुर्गों सहित बच्चों को बेलाग दिल से लगा लेने और सरकारी स्टॉल या खेतों में बिना किसी प्रोटोकॉल के लोगों से सीधी बात के जरिए वे अब देश भर के लोगों के चहेते बनते जा रहे हैं। सामान्यतः भारत सरकार के मंत्री इस तरह की शैली के लिए कम ही जाने जाते हैं। लेकिन शिवराज की लोकप्रियता का जादू हौले हौले ही सही लोगों के सिर चढ़ता जा रहा है। काम करने की शैली अलहदा बात है, उस पर ज्यादा कहना उचित नहीं, लेकिन अपने व्यवहार से लोगों को अपना मुरीद बनाना शिवराज जी को बखूबी आता है और वे सालों से अपनी इस अदा से लोगों को अपना कायल बनाते आ रहे हैं। इसी बीच शिवराज जी के भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने और ना बनने की अटकलों पर चर्चा चल पड़ी है। शिवराज जी को सिर्फ सत्ता ही नहीं संगठन का भी खूब अनुभव है। वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सहित कई महत्वपूर्ण ओहदों पर कार्य कर चुके हैं। उन्हें कार्यकर्ताओं से काम कराना भी खूब आता है। यही कारण है कि विदिशा में इतने वर्षो के प्रतिनिधित्व के बावजूद आज भी यहां के कार्यकर्ता उनके आने पर...आंधी नहीं तूफान है, शिवराज सिंह चौहान है के नारे लगाना नहीं भूलते। इसमें कोई दो राय नहीं कि शिवराज जी में संगठन क्षमता कूट कूट कर भरी है और वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए उपयुक्त भी हैं। लेकिन चंद सवाल हैं....क्या मोदी जी, अमित शाह जैसे नेता उन्हें इस पद पर आसीन करना चाहेंगे? क्या भाजपा में उड़ते पंछियों के पर कतरने की परम्परा नहीं हैं? क्या शिवराज जी का मर्यादाएं और बंधनों को तोड़कर लोगो से मिलने और जुड़ने का गुर भाजपा के वरिष्ठ राष्ट्रीय नेताओं को पसंद आता होगा? क्या देश के बड़े भाजपा नेताओं को शिवराज की लोकप्रियता हजम होती होगी? यदि नहीं तो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर शिवराज का पहुंचना आसान नहीं है। फिर भाजपा तो ऐसे चेहरे सामने लाने के लिए जानी जाती है जो किसी के दिमाग में भी नहीं आते। इसलिए अटल जी और फिर आडवाणी जी के चहेतों में शुमार और नेताओं की भीड़ में भी अपनी अलग लाइन खींचने में माहिर शिवराज जी की राह में अड़चनें कम नहीं। हालांकि वे दावेदार प्रबल हैं। यह बात और है कि हमेशा की तरह यदि शिवराज जी का भाग्य साथ दे तो वे यकीनन इस पद पर पहुंच सकते हैं।

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